Punjab media news : पंजाब सरकार की शिक्षा विभाग को छोड़कर दूसरे विभागों के कर्मचारियों को रेगुलर करने की आई नई पॉलिसी पर कर्मचारियों ने कटाक्ष करना शुरू कर दिया है। कर्मचारियों का कहना है कि सरकार कर्मचारियों को रेगुलर करने के लिए पॉलिसी पर पॉलिसी ला रही है, लेकिन राज्य में अभी तक रेगुलर एक कर्मचारी भी नहीं हुआ है।
ठेका मुलाजिम एक्शन कमेटी पंजाब के नेता आशीष जुलाहा ने कहा कि सरकार एक तरफ दावे कर रही है कि शिक्षा विभाग के 8736 कर्मचारियों को रेगुलर कर दिया गया है। जबकि अभी तक नियुक्ति पत्र एक के भी हाथ में नहीं आया है। उन्होंने कहा कि सरकार के सारे दावे हवा हवाई हैं। पहली पॉलिसी के 8 माह बीतने के बाद भी कोई कर्मचारी रेगुलर नहीं हुआ है।
पिछले साल शिक्षक दिवस पर की थी रेगुलर करने की घोषणा
पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत मान ने पिछले साल 5 सितंबर को शिक्षक दिवस के अवसर पर शिक्षा विभाग के 8736 अध्यापकों और कर्मचारियों को रेगुलर करने की घोषणा की थी। इसके बाद 7 अक्टूबर से ऑनलाइन सहमति का प्रोसेस शुरू हुआ, फिर इस साल जनवरी में शर्तें और वेरिफेकेशन का काम कंप्लीट हो गया, लेकिन फिर भी रेगुलर के नियुक्ति पत्र नहीं मिले हैं।
सरकार के आंकड़े बढ़ते गए पर रेगुलर कोई नहीं हुआ
आशीष जुलाहा ने कहा कि मुख्यमंत्री ने पहले 5 सितंबर को 8736 कर्मचारियों को रेगुलर करने की घोषणा की। इसके बाद लोहड़ी पर 6 हजार और कच्चे कर्मचारियों को रेगुलर करने की घोषणा कर दी। यह सिलसिला यहीं नहीं थमा। इसके बाद 21 फरवरी को 14417 कच्चे मुलाजिमों को रेगुलर करने की सीएम ने घोषणा कर दी।
उन्होंने कहा कि इसके बाद सरकार दावों पर आ गई कि उन्होंने शिक्षा विभाग के 8736 कर्मचारी रेगुलर कर दिए हैं, लेकिन कर्मचारी असमंजस में हैं कि उनके हाथ में अभी तक ब्लैक एंड व्हाइट में कोई आदेश तो है ही नहीं। राज्य के मुख्यमंत्री भी रिवायती पार्टियों की तरह कर्मचारियों के हितों से खिलवाड़ कर रहे हैं।