Punjab media news : ताइवान (Taiwan) की राष्ट्रपति साई इंग वेन के अमेरिका (America) दौरे से चीन (China) बुरी तरह से बौखला चुका है. वेन के दौरे के बाद चीन ने ताइवान की घेराबंदी शुरू कर दी है. अब कड़वाहट इतनी बढ़ गई है कि कभी भी दोनों देशों के बीच युद्ध छिड़ सकता है. वेन के अमेरिका यात्रा लौटने के कुछ घंटे बाद ही चीन की सेना ने तीन दिनों का युद्ध अभ्यास शुरू कर दिया. चीनी सेना ने रविवार को ताइवान को लक्ष्य बनाकर दूसरे दिन भी युद्ध अभ्यास किया. चीन लगातार इस युद्ध अभ्यास के नाम पर ताइवान की सीमा में घुसपैठ कर रहा है.
न्यूज एजेंसी के अनुसार इस मिलिट्री ड्रिल को चीन ने ताइवान की सरकार के लिए ‘कड़ी चेतावनी’ करार दिया है. ताइवान के रक्षा मंत्रालय की तरफ से एक बयान में कहा गया है कि उसने सोमवार को सुबह 10 बजे तक ताइवान के पास 59 चीनी सैन्य विमानों को देखा. मंत्रालय ने कहा कि उनमें से 39 चीनी विमानों ने ताइवान स्ट्रेट मेडियन लाइन को पार किया और ताइवान के वायु रक्षा क्षेत्रों में प्रवेश किया.
इससे पहले रविवार को ताइवान ने दावा किया कि उसने शनिवार को शाम 4 बजे तक 71 चीनी फाइटर जेट और 9 नेवल शिप को ट्रैक किया है. राष्ट्रीय रक्षा मंत्रालय (MND) ताइवान ने एक बयान में कहा था कि इसमें 45 विमान शामिल हैं जो या तो ताइवान स्ट्रेट की मध्य रेखा को पार कर गए या दक्षिण-पश्चिम से ताइवान के वायु रक्षा पहचान क्षेत्र (ADIZ) में प्रवेश कर गए.
वहीं बढ़ते तनातनी के बीच ताइवान के रक्षा मंत्रालय ने कहा कि वह चीन के युद्ध अभ्यास का ‘शांत और संयमित’ तरीके से जवाब दे रहे हैं. MND ने चीन पर क्षेत्रीय असुरक्षा और अस्थिरता पैदा करने का आरोप लगाते हुए रविवार को कहा था कि हमारी सेना अपनी सतर्कता और तत्परता बढ़ाएगी. लेकिन उकसावे और तनाव बढ़ाने से दूर रहेगी. ताइवान ने सख्त लहजे में कहा कि वह खतरों के आगे नहीं झुकेगा. गौरतलब है कि चीन सरकार दावा करती है कि ताइवान उसके राष्ट्रीय क्षेत्र का हिस्सा है, जबकि ताइवान की वर्तमान सरकार का कहना है कि यह स्वशासित द्वीप पहले से ही संप्रभु है और चीन का हिस्सा नहीं है.