Punjab media news : अमेरिका के खिलाफ जंग लड़ने के लिए उत्तर कोरिया (North Korea) में लगभग 8 लाख नागरिकों ने सेना में भर्ती होने के लिए हस्ताक्षर किया. उत्तर कोरिया के रोडोंग सिनमुन समाचार पत्र ने शनिवार को यह सूचना दी. अखबार ने बताया कि लगभग 800,000 छात्रों और श्रमिकों (Students & Workers) ने अकेले शुक्रवार को देश भर में संयुक्त राज्य अमेरिका (America) का मुकाबला करने के लिए सेना में भर्ती (Military Joining) होने या फिर से भर्ती करने की इच्छा व्यक्त की.
समाचार एजेंसी रॉयटर्स की रिपोर्ट के अनुसार, उत्तर कोरिया का यह दावा गुरुवार को अमेरिका-दक्षिण कोरिया के चल रहे सैन्य अभ्यास के जवाब में अपनी ह्वासोंग-17( Hwasong-17) अंतरमहाद्वीपीय बैलिस्टिक मिसाइल (ICBM) लॉन्च करने के बाद आया है. दक्षिण कोरिया के राष्ट्रपति के शिखर सम्मेलन के लिए टोक्यो जाने से कुछ घंटे पहले, उत्तर कोरिया ने गुरुवार को कोरियाई प्रायद्वीप और जापान के बीच ICBM को समुद्र में दागा था. संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद (United Nations Security Council) के प्रस्तावों के तहत उत्तर की बैलिस्टिक मिसाइलों पर प्रतिबंध लगा दिया गया है, लेकिन मिसाइल लॉन्च ने सियोल, वाशिंगटन और टोक्यो में सरकारों ने इसकी कड़ी निंदा की है.
उत्तर कोरिया लगातार हथियारों का परीक्षण कर रहा है और वह दक्षिण कोरिया व अमेरिका को धमकी देता रहा है. विशेषज्ञों का मानना है कि किम के हथियारों के परीक्षण और धमकियों का उद्देश्य अमेरिका को उत्तर कोरिया के परमाणु शक्ति के रूप में विचार को स्वीकार करने के लिए मजबूर करना है. वाशिंगटन और प्योंगयांग (Pyongyang) के बीच कूटनीति साल 2019 से रुकी हुई है. उत्तर और उत्तर के परमाणु कार्यक्रम के खिलाफ अमेरिका के नेतृत्व वाले आर्थिक प्रतिबंधों को लेकर दोनों पक्षों में मतभेद है. हाल ही में तानाशाह किम जोंग उन की बहन किम यो जोंग ने ICBM लॉन्च करने के बाद प्रशांत महासागर को ‘फायरिंग रेंज’ में बदलने की चेतावनी दी थी.