जााालंधर :(पवन कुमार)लवर्ल्ड हाइपरटेंशन दिन पर मैं अपना तजुर्बा ब्यक्त करना चाहूंगा। यह ब्लड प्रेशर की बिमारी आज की जीवन शैली से बहुत बढ गई है। ब्लड प्रेशर जो 50-60 साल की उम्र मे देखने को मिलता था आज 30-40 साल की उम्र में हो रहा है। इसका मुख्य कारण फ़ास्ट फ़ूड का चलन, मोटापा, कोल्ड एवं एनर्जी ड्रिंक्स, धुम्रपान, हुक्का, शराब और ड्रग्स स्ट्रेस मोबाइल और गेजेट्स का अत्याधिक प्रयोग आज कल ब्लड प्रेशर की बिमारी को छोटी उम्र मे ला रहा है, देर रात तक जागना सुबह देरी से उठना हमारे हार्मोनल बेलेंस को बिगाड़ रहा है। आजकल हमारा उग्र व्यवहार उतावलापन गुस्सा लड़ने की प्रवृत्ति ये भी ब्लड प्रेशर की वजह से बढ़ रहा है।
मैं महसूस करता हूँ कि बच्चों में भी मोटापा बहुत तेज़ी से बढ़ रहा है। इंडोर गेम्स फास्ट फूड का अधिक प्रयोग मुख्य कारण है। आउटडोर गेम्स को बढ़ावा देने से मोटापा और मेटाबोलिक सिंड्रोम से बचा जा सकता है। छोटी उम्र में ब्लड प्रेशर को नजरंदाज ना करें, ये ज्यादातर हमारे गुर्दों को नुकसान पहुंचाता है।
ब्लड प्रेशर से दिल की बिमारियां जल्दी आती हैं, दिल की नाड़ियों का बन्द होना, दिल की क्षमता का कम होना ब्लड प्रेशर की ही देन है।
ब्लड प्रेशर में अक्सर पता ही नही चलता। क्योंकि इसका कोई सिमटम नही होता, और कभी अचानक जांच कराने से पता चलता है। ब्लड प्रेशर को एक साइलेंट किलर कहते हैं।
इसमें सिर दर्द होना, चक्कर आना, छाती में भारीपन महसूस होना, शरीर में सूजन होना थकावट महसूस होना, सांस फूलना, ब्लड प्रेशर की कुछ निशानियां हैं। जब यह हमारे शरीर पर असर करता है तब हार्ट अटैक अधरंग होना गुर्दे खराब होना, दृष्टि पर असर डालता है। ब्लड प्रेशर के बुरे असर हैं जो हम आम जिन्दगी में देखते हैं।
अतः इस बिमारी के बारे में जागरूक रहें, कुछ परिवारों में यह बिमारी अनुवांशिक है, अपने परिवार का ध्यान रहे रखें। अपना समयबद्ध चैकअप जरूर करवायें। साल में एक बार अपने शरीर का पूर्ण चैक अप करवायें अपनी दवा ठीक समय और ठीक मात्रा में खायें, और ब्लड प्रेशर को कंट्रोल रखें अपनी आने वाली तंदुरुस्त जिन्दगी के लिए।
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