विदेश में नौकरी करने और बसने के इच्छुक पंजाब के युवाओं में लड़कियां भी भारी संख्या में शामिल हो गई हैं। ट्रैवल एजेंटों के झांसे में आकर लड़कियां अकेले यात्रा कर विदेश पहुंचती तो हैं लेकिन ज्यादातर मानव तस्करी का शिकार हो जाती हैं। ट्रैवल एजेंट मोटी रकम लेकर लड़कियों को बीच रास्ते में पड़ने वाले देशों में उतार देते हैं। जहां से ट्रैवल एजेंटों के साथी उन्हें अवैध रास्तों से विभिन्न देशों की सीमाओं को पार कराया जाता है। इस दौरान लड़कियों से सुरक्षा के नाम पर पासपोर्ट ले लिए जाते हैं और अधिकांश मामलों में लड़कियों का शोषण शुरू हो जाता है।
यह खुलासा मानवाधिकार संगठन के शोध में हुआ है। इस शोध को अमेरिका के एक अखबार ने प्रकाशित किया और लिखा है कि पंजाब से अवैध तरीके से विदेश जाने वाली लड़कियों के मानव तस्करी का शिकार हो जाने के मामले 12 से बढ़कर अब 25 फीसदी तक पहुंच गए हैं। इस मामले का अहम पहलू यह भी है कि मानव तस्करी और अवैध तरीके से पंजाब से विदेश जाने वालों की संख्या के बारे में पंजाब सरकार के पास कोई डाटा उपलब्ध नहीं है।
ऐसे होती है धोखाधड़ी
साइप्रस में एक पीड़िता ने आरोप लगाया कि पंजाब के एक ट्रैवल एजेंट, लखविंदर उर्फ हरमन ने उन्हें पांच लाख रुपये के बदले यूरोप के कानूनी दस्तावेज, वर्क वीजा और इटली के लिए एक टिकट देने का वादा किया था। यात्रा के दिन लखविंदर ने साइप्रस हवाई अड्डे पर वर्क वीजा दिया, जो इमिग्रेशन जांच में नकली पाया गया, जिसके चलते पीड़िता को गिरफ्तार किया गया। जनवरी 2022 में मानव तस्करी का शिकार हुई पंजाबी पीड़िता ने अपने मुश्किल हालात के बारे में बताने के लिए एक वीडियो बनाया लेकिन उसके बाद से उस पीड़िता का कुछ पता नहीं चला है। वीडियो में बताया कि तस्कर ने उससे सात लाख रुपये से अधिक रकम लेकर धोखाधड़ी की थी।