Punjab media news : पंजाब में जालंधर के सिविल अस्पताल में मरीज की मौत के बाद परिजनों ने तोड़फोड़ करते हुए जमकर बवाल काटा। परिजनों का आरोप था कि परमजीत (36) की टांग में फ्रैक्चर के बाद ऑपरेशन हुआ था। जब वार्ड में शिफ्ट करने के बाद उसे घबराहट हुई। इसकी शिकायत की तो डॉक्टरों ने उसे गलत इंजेक्शन लगा दिया जिससे उसकी मौत हो गई।
मिट्ठू बस्ती का रहने वाले पमजीत सिंह के परिजनों ने बताया कि वह अकेला घर में कमाने वाला था। सिर पर न बाप का साया था और न ही भाइयों का साथ। सभी की पहले ही डेथ हो चुकी है। परमजीत सिंह पर 2 परिवारों की जिम्मेदारी थी। पिछले महीने उसकी टांग टूट जाने पर वह करीब 25 दिनों से अस्पताल में भर्ती था। उसकी टांग का ऑपरेशन हुआ था।
दूसरा इंजेक्शन लगते ही हो गई मौत
परमजीत की पत्नी जसविंदर कौर ने बताया कि टांग का ऑपरेशन होने के बाद उसे दर्द हो रहा था। इसके बारे में वहां पर मौजूद स्टाफ को बताया गया। स्टाफ ने उसे इंजेक्शन लगाया तो उसे घबराहट होने लगी। इसके बारे में बताने पर उन्होंने एक और इंजेक्शन जड़ दिया। दूसरा इंजेक्शन देते ही परमजीत की मौत हो गई।
मौत की सूचना मिलते ही अस्पताल पहुंचे परिजन
परमजीत की मौत के बारे में जसविंदर कौर ने अपने परिजनों को फोन पर सूचना दी। इसके बाद परिजन और नजदीकी सिविल अस्पताल में पहुंच गए। गुस्साए परिजनों ने स्टाफ के साथ हाथापाई भी की और वहां पर खिड़कियों के शीशे भी तोड़ डाले। इसके बाद अस्पताल प्रशासन ने तुरंत प्रभाव से पुलिस को सूचना दी। पुलिस की टीमें मौके पर पहुंच गई।
ACP अपने साथ ले गए परिजनों को अस्पताल में तोड़फोड़ और हंगामे की सूचना मिलते ही ACP निर्मल सिंह भी मौके पर पहुंचे। उन्होंने परिजनों को समझाया और आश्वासन दिया कि सुबह डैड बॉडी का पोस्टमार्टम करवाएंगे। यदि किसी की गलती पाई गई को कानूनी कार्रवाई की जाएगी। वहीं परिजन गलत इंजेक्शन से मौत की बात पर अड़े रहे और इरादा कत्ल का माला दर्ज करने की मांग की।
मशक्कत के बाद पुलिस ने बॉडी को मोर्चरी में रखवाया। परिजन और रिश्तेदार अस्पताल में धरने पर बैठ गए। पुलिस जब उन्हें उठाने की कोशिश कर रही थी तो पुलिस के साथ भी धक्का मुक्की की। एक परिजन की इस दौरान पगड़ी भी उतर गई। इसी बीच ACP निर्मल सिंह परिजनों को अपने साथ थाने में ले गए।
मरीज को घबराहट का इंजेक्शन दिया गया
ड्यूटी पर तैनात डॉक्टर प्रिया भूषण ने कहा कि जब मरीज की मौत हुई तो वे अस्पताल में ही थीं। मरीज को घबराहट हो रही थी तो उसे घबराहट का इंजेक्शन दिया गया। वहीं, हड्डियों के डॉक्टर सुरिंदर का कहना है कि इंजेक्शन ऐसा नहीं था कि उससे किसी की मौत हो जाए। सिविल के कार्यकारी मेडिकल सुपरिंटेंडेंट डॉक्टर गुरमीत लाल ने कहा कि मौत का कारण पोस्टमार्टम रिपोर्ट आने के बाद पता चल पाएगा।