जालंध(pmn): अगर आप अपने बच्चे के लिए खिलौना, टेडीबियर खरीद रहे हैं तो सावधान हो जाइए.इसकी वजह है वरियाणा डंप के पास लगी फैक्ट्री। इस फैक्ट्री में मेडिकल वेस्ट को रिसाइकल करने की आड़ में प्लास्टिक का दाना तैयार किया जाता है। इसे रबड़ का दाना भी कहते हैं। दाना तैयार होने के बाद इसे मार्केट में भेजा जाता है जिससे खिलौने, टेडीबियर और अन्य सामान तैयार होता है। ये सीधा सीधा कोरोना जैसी खतरनाक बीमारियों को दस्तक देना है और अनचाहे रूप में यह फैक्ट्री मालिक खुद मुनाफा कमाने के चक्कर में जालंधर में संक्रमण व बीमारियां बांट रहा है। हमारी टीम ने जब फैक्ट्री का दौरा किया तो पाया कि वहां मेडिकल वेस्ट जिसमें यूज्ड ग्लव्स, एक्सपायर्ड कंडोम, अस्पताल से आई रबड़ तार, आपरेशन सामग्री, आदि को रिसाइकिल किया जा रहा था। रिसाइकिल करने के लिए यहां ब्वायलर लगाया गया है। अब सवाल यह उठता है कि जब मेडिकल वेस्ट को मोहाली भेजकर नष्ट करने का नियम है मिले
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मेडिकल वेस्ट को यहां डंप करके रिसाइकिल क्यों किया जा रहा है। दूसरा सवाल यह कि मेडिकल वेस्ट में संक्रमित वेस्ट भी शामिल होता है उसे दोबारा मार्केट में भेजने का मतलब है बीमारियां फैलाना फिर यह लापरवाही क्यों की जा रही। तीसरा सवाल यह कि क्या इस फैक्ट्री के पास ऐसा कोई लाइसेंस, मंजूरी है जो यह जालंधर के लोगों की जान खतरे में डाल रही है। चौथा सवाल यह कि कोरोना काल में प्रयोग किए गए ग्लव्स को नष्ट करना जरूरी है या रिसाइकिल करना। इन
फैक्ट्री में पड़े यूज्ड मास्क एवं ग्लव्स
सवालों के जवाब इस फैक्ट्री मालिक के पास होंगे या नहीं यह हमें नहीं पता लेकिन जालंधर वालों की जान जरूर खतरे में डाल दी है इस फैक्ट्री ने। बात फैक्ट्री की करें तो फैक्ट्री का नाम हिमाचल है और बाहर गेट पर ऐसा कोई साफ साफ संकेत नहीं है जिससे पता चला कि यहां मेडिकल वेस्ट को रिसाइकिल करके ऐसा करने का यूनिट दिख रहा है। करीब आधा दर्जन लोग यहां दिनरात काम करते हैं और सारा काम ऐसे हैं जैसे कि चोरी छिपे का खेल हो। इस खेल को लेकर अलग-अलग
विभागों में सेटिंग करके या उनकी आंखों में धूल झोंक कर खेला जा रहा है। इस बारे में हमने सिविल सर्जन से संपर्क करने की कोशिश की लेकिन संपर्क नहीं हो पाया हालांकि सिविल अस्पताल के एक डाक्टर ने बताया कि अगर इस फैक्ट्री में ऐसा हो रहा है तो प्रशासन को जल्द से जल्द इस फैक्ट्री पर कार्रवाई करनी चाहिए क्योंकि कोरोना और ओमिक्रोन काल में यह फैक्ट्री हमारी जान पर भारी है। वैसे इस बारे में जल्द डीसी समेत अन्य विभागीय अधिकारियों को लिखित शिकायत की जाएगी।