पंजाब मीडिया न्यूज़, भारत: Small Saving Scheme, सरकार ने की 1260 दिनों के सूखे पर पीपीएफ में बढ़ोतरी की सम्भावना, 30 सितंबर को स्मॉल सेविंग स्कीम की ब्याज दरों में बदलाव की संकेत मिल रहे हैं, जिसके साथ पीपीएफ पर निवेशकों को आशा है कि ब्याज दरें बढ़ सकती हैं। वर्तमान में, पीपीएफ के ब्याज दरों में 42 महीनों से कोई परिवर्तन नहीं किया गया है।
Small Saving Scheme के ब्याज दरें 30 सितंबर 2023 को रिवाइज्ड होने की सम्भावना है, जबकि पीपीएफ के ब्याज दरों में अप्रैल 2020 से कोई परिवर्तन नहीं हुआ है। वर्तमान में, पीपीएफ डिपॉजिट पर 7.1% ब्याज मिलता है। क्या सरकार इस 1260 दिनों के सूखे को खत्म करेगी और पीपीएफ के ब्याज दरों में वृद्धि करेगी, यह बड़ा सवाल है। स्मॉल सेविंग स्कीम में निवेशकों को प्रत्येक तिमाही में सरकार द्वारा रिवाइज्ड ब्याज दरों की प्राप्ति होती है।
सरकार के बयान के अनुसार पीपीएफ ब्याज दरों में कोई बदलाव नहीं होगा
एसएजी इन्फोटेक के एमडी अमित गुप्ता ने मीडिया रिपोर्ट में बताया कि वित्त मंत्रालय अक्टूबर-दिसंबर तिमाही के लिए पब्लिक प्रोविडेंट फंड, यानी पीपीएफ अकाउंट की ब्याज दरों में कोई परिवर्तन नहीं करेगा। इसका मतलब है कि अक्टूबर से दिसंबर तक की तिमाही के दौरान निवेशकों को पीपीएफ पर 7.10% रिटर्न मिलेगा, जो अप्रैल 2020 के बाद से स्थिर रूप से बना हुआ है।
पीपीएफ ब्याज की गणना
प्रत्येक तिमाही के लिए लागू ब्याज दरें प्रत्येक वित्तीय वर्ष के अंत में निवेशक के पीपीएफ अकाउंट में जमा की जाती हैं, और यह एनुअली कंपाउंड होती हैं। ब्याज की गणना हर महीने के 5वें दिन और महीने के अंत के बीच अकाउंट में मौजूद सबसे कम बैलेंस अमाउंट को ध्यान में रखकर की जाती है। निवेशकों को हर महीने की 5 तारीख से पहले अपनी राशि जमा करनी चाहिए, ताकि उन्हें पूरे महीने के ब्याज का लाभ मिले।
पीपीएफ से टैक्स में बेनिफिट
पीपीएफ अकाउंट में 1.5 लाख रुपये तक की वार्षिक जमा राशि पर धारा 80सी के तहत टैक्स बेनिफिट का दावा किया जा सकता है। इसके अलावा, पीपीएफ अकाउंट मैच्योर होता है तो आपको टैक्स-मुक्त रिटर्न का लाभ मिलता है। स्मॉल सेविंग स्कीम की ब्याज दरों की समीक्षा 30 सितंबर 2023 को होने की संभावना है, और ये दरें वित्त वर्ष 2023-24 की अक्टूबर-दिसंबर तिमाही के लिए लागू होंगी। इस तरह के बदलाव स्पेशल रूप से 1 साल, 2 साल की एफडी और 5 साल की रिकरिंग डिपॉजिट के लिए थे।