World wide city live : नगर निगम जीएसटी के रिकाॅर्ड के हिसाब से व्यापारियाें के लाइसेंस जारी करेगा। इसलिए 15 मई के बाद जीएसटी के हिसाब से दुकानाें के लाइसेंस के लिए व्यापारियाें काे नाेटिस भी देने का काम शुरू हाेगा। हालांकि निगम ने साढ़े 13 हजार व्यापारियाें के लाइसेंस जारी किए हैं, जबकि सिटी में 40 हजार जीएसटी धारक काराेबारी हैं।
निगम में लाइसेंस ब्रांच में नए अधिकारियाें के कार्यभार संभालने के बाद से वसूली भी पहले की तुलना में बढ़ी है। हालांकि लाइसेंस ब्रांच के मुलाजिम मार्केट में पहुंच कर व्यापारियाें के लाइसेंस भी बना रहे हैं। इसके बाद भी काफी व्यापारी लाइसेंस बनाने में रूचि नहीं दिखा रहे हैं।
इसलिए लाइसेंस ब्रांच ने जीएसटी विभाग से सिटी के जीएसटी धारकाें का रिकाॅर्ड लिए हैं। इसमें सिटी में 40 हजार से अधिक व्यापारी जीएसटी धारक हैं, जाे काराेबार करते हैं। अब निगम जीएसटी धारकाें काे लाइसेंस के लिए नाेटिस जारी करेगा। हालांकि िनगम 15 मई के बाद व्यापारियाें काे नाेटिस जारी करेगा.
वैसे निगम ने उप-चुनाव से पहले भी व्यापारियाें के लाइसेंस बनाने का काम किया था। इसमें सिटी की मार्केट में मुलाजिमाें ने खुद पहुंचकर लाइसेंस बनाने का काम किया, ताकि निगम की अाय बढ़ सके। इसके विपरीत जनप्रतनिधियाें ने उप-चुनाव हाेने से व्यापारियाें के विराेध के बाद लाइसेंस बनाने का काम बंद करा दिया था, लेकिन 15 मई के बाद फिर से शुरू हाेगा।
वहीं जीएसटी के रिकाॅर्ड के हिसाब से लाइसेंस बनाने से निगम की वसूली का ग्राफ भी बढ़ेगा। नगर निगम की माने ताे सिटी में बिल्डिंग मैटेरियल, जनरल स्टाेर, कपड़े की दुकान, शाेरूम, सब्जी-फल की दुकान समेत विभिन्न प्रकार की दुकानाें के लाइसेंस के अलग-अलग फीस तय की जाएगी। इसकाे लेकर कमिश्नर से मंजूरी ली जाएगी। इस संबंध में सेक्रेट्ररी अजय शर्मा ने कहा कि इस पर 15 मई के बाद काम शुरू हाेगा।