एशिया के सबसे अमीर बिजनेसमैन गौतम अडाणी के ग्रुप ने अपने पार्टनर गैडोट के साथ मिलकर इजराइल के हाइफा पोर्ट के प्राइवेटाइजेशन की बोली जीत ली है। रॉयटर्स की रिपोर्ट के मुताबिक पोर्ट में 70% हिस्सेदारी अडाणी पोर्ट के पास होगी। वहीं बाकी के 30% शेयर गैडोट के पास होंगे। गैडोट इजराइल में केमिकल और लॉजिस्टिक्स का बड़ा ग्रुप है। मेडिटेरियन कोस्ट पर स्थित हाइफा पोर्ट इजराइल का एक मेजर ट्रेड हब है।
गौतम अडाणी ने गुरुवार को ट्वीट कर बोली जीतने की जानकारी दी। उन्होंने लिखा, ‘हमारे पार्टनर गैडोट के साथ मिलकर इजराइल के हाइफा पोर्ट के प्राइवेटाइजेशन के लिए बोली जीतने की खुशी है। ये पोर्ट दोनों देशों के लिए अत्यधिक स्ट्रैटेजिक और हिस्टोरिक महत्व वाला है।’ हाइफा में होने पर गर्व है, जहां भारतीयों ने 1918 में नेतृत्व किया।’
4 अरब रुपए की बोली लगाई थी
अडाणी ने इजराइल की गैडोट के साथ मिलकर इस बिड के लिए 4.1 बिलियन शेकेल (94 अरब रुपए) की बोली लगाई थी। इन दोनों कंपनियों ने मिलकर बिड में शामिल अन्य कंपनियों डीएओ, इजराइल शिपयार्ड और शाफिर इंजीनियरिंग को पीछे छोड़ दिया। अडाणी ग्रुप और गैडोट अगले 32 साल यानी 2054 तक इस पोर्ट का संचालन करेंगे।
बंदरगाहों में प्रतिस्पर्धा बढ़ेगी
इजराइल के वित्त मंत्री एविग्डोर लिबरमैन ने कहा कि यह इजराइल के नागरिकों के लिए बेहद अच्छी खबर है। हाइफा के बंदरगाह के प्राइवेटाइजेशन से बंदरगाहों में प्रतिस्पर्धा बढ़ेगी और इस तरह जीवनयापन की लागत कम होगी।
यह इजराइल का दूसरा बड़ा पोर्ट
इजराइल का सबसे बड़ा बंदरगाह अशदोद है। हाइफा दूसरे नंबर पर है। 2021 में इजराइल में सभी कंटेनर कार्गो का लगभग 47% हिस्सा हाइफा बंदरगाह से ही गुजरा था। पैसेंजर ट्रांसपोर्टेशन के मामले में हाइफा इजराइल का मुख्य बंदरगाह है। 2021 में हाइफा का रेवेन्यू 845 मिलियन शेकेल (करीब 19,29 करोड़ रुपए) और शुद्ध लाभ 271 मिलियन शेकेल (करीब 619 करोड़ रुपए) था।
अडाणी-गैडोट टीम का पिछले साल ओपन पोर्ट से कॉम्पिटिशन
अडाणी-गैडोट टीम को पिछले साल ओपन किए गए नए पोर्ट से कॉम्पिटिशन का सामना करना पड़ेगा। शंघाई इंटरनेशनल पोर्ट ग्रुप (SIPG) इसे ऑपरेट करता है। एक्सपर्ट्स का मानना है कि इजराइल का इंपोर्ट और एक्सपोर्ट बड़े पैमाने पर समुद्री मार्ग पर निर्भर है इसलिए दोनों ही पोर्ट प्रॉफिटेबल रहेंगे।