Punjab media news : संसद के बजट सत्र के दूसरे चरण में सरकार और विपक्ष के बीच हंगामे के मद्देनजर लोकसभा और राज्यसभा अब तक एक दिन भी कामकाज नहीं चल सका है. ऐसे में गुरुवार को फिर से शुरू हो रहे सत्र में दोनों तरफ से हंगामा होने के आसार हैं. इससे पहले, मंगलवार को निचले सदन में जारी गतिरोध को रोकने के लिए लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला द्वारा बुलाई गई सर्वदलीय बैठक बेनतीजा रही थी. सूत्रों के मुताबिक, बैठक में लोक सभा अध्यक्ष बिरला ने दोनों पक्षों से यह अपील की कि वो अपने-अपने मुद्दों को अलग रखकर सदन की कार्यवाही को चलने दें, लेकिन दोनों ही पक्ष अपनी-अपनी मांगों पर अड़े रहे.
बिरला द्वारा लोकसभा के सभी राजनीतिक दलों के नेताओं की बुलाई गई इस सर्वदलीय बैठक के बेनतीजा रहने से सदन चलने के आसार फिलहाल कम ही नजर आ रहे हैं. इसी तरह से राज्यसभा के सभापति द्वारा बुलाई गई कार्य मंत्रणा समिति की बैठक में भी संसद के बजट सत्र में जारी गतिरोध को दूर करने में कोई सफलता नहीं मिली.
राज्यसभा में सत्ता पक्ष और विपक्ष के बीच जारी गतिरोध को दूर करने की पहल करते हुए सभापति जगदीप धनखड़ ने विभिन्न दलों के नेताओं के साथ दो दौर की बैठक की थी. पहली बैठक में कई विपक्षी दलों के नेताओं ने बहिष्कार किया, जबकि दूसरी बैठक में राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (राकांपा), तृणमूल कांग्रेस, भारत राष्ट्र समिति, द्रविड़ मुनेत्र कषगम जैसे विपक्षी दल तो आए, लेकिन कांग्रेस का कोई प्रतिनिधि इसमें शामिल नहीं हुआ.
गत 13 मार्च से शुरू हुए संसद के बजट सत्र के दूसरे चरण में विपक्ष और सत्ता पक्ष के हंगामे के कारण लगातार 7 कामकाजी दिनों तक लोकसभा एवं राज्यसभा में प्रश्नकाल और शून्यकाल की कार्यवाही बाधित रही और कोई अन्य महत्वपूर्ण विधायी कार्य नहीं हो सका. विपक्षी दल अडाणी समूह के मामले में जेपीसी गठित करने की मांग पर अड़े हुए हैं. दूसरी तरफ, सत्तापक्ष कांग्रेस नेता राहुल गांधी द्वारा लंदन में दिए गए एक बयान को लेकर उनसे माफी की मांग कर रहा है.