Punjab media news : पंजाब के लुधियाना में जिला उपभोक्ता विवाद निवारण आयोग ने रेलवे पर 10 हजार जुर्माना लगाया है। जुर्माना यात्रा के दौरान ट्रेन में एयर कंडीशनर के काम न करने के बाद एक ग्राहक को टिकट की राशि वापस न करने में लगाया है। ये कार्रवाई आयोग के अध्यक्ष संजीव बत्रा, सदस्य जसविंदर सिंह और मोनिका भगत ने की है।
अदालत ने रेलवे को आदेश दिए है कि शिकायतकर्ता लुधियाना के सुंदर नगर निवासी जसपाल सिंह को 10 हजार रुपए राशि वापस की जाए। शिकायतकर्ता को अगर 30 दिन में राशि वापस नहीं की तो फिर 8% ब्याज के साथ राशि का भुगतान करना होगा।
लखनऊ के पास दो एसी कोच में आई थी दिक्कत
शिकायतकर्ता के अनुसार, वह कटिहार और लुधियाना में हौजरी के सामान का कारोबार करता है। वह व्यवसाय के लिए दोनों शहरों का दौरा करता है। उन्होंने 6 जुलाई 2019 को अमृतसर कटिहार एक्सप्रेस ट्रेन में 7 जुलाई 2019 को कटिहार से लुधियाना के लिए दो एसी कोच में यात्रा के लिए ‘तत्काल कोटा’ में पांच सीटें बुक की।
अदालत ने रेलवे को आदेश दिए है कि शिकायतकर्ता लुधियाना के सुंदर नगर निवासी जसपाल सिंह को 10 हजार रुपए राशि वापस की जाए। शिकायतकर्ता को अगर 30 दिन में राशि वापस नहीं की तो फिर 8% ब्याज के साथ राशि का भुगतान करना होगा।
लखनऊ के पास दो एसी कोच में आई थी दिक्कत
शिकायतकर्ता के अनुसार, वह कटिहार और लुधियाना में हौजरी के सामान का कारोबार करता है। वह व्यवसाय के लिए दोनों शहरों का दौरा करता है। उन्होंने 6 जुलाई 2019 को अमृतसर कटिहार एक्सप्रेस ट्रेन में 7 जुलाई 2019 को कटिहार से लुधियाना के लिए दो एसी कोच में यात्रा के लिए ‘तत्काल कोटा’ में पांच सीटें बुक की।
उन्होंने कटिहार से अपने परिवार सहित अपनी यात्रा शुरू की। शिकायतकर्ता ने कहा कि जब ट्रेन लखनऊ के पास पहुंची तो एसी बोगियों ने काम करना बंद कर दिया और संबंधित कर्मचारियों के पास पीने का पानी भी उपलब्ध नहीं था। जिसके कारण उन्हें और अन्य यात्रियों को परेशानी का सामना करना पड़ा।
उन्होंने कहा कि तकनीकी खराबी को दूर करने के लिए रेलवे कर्मचारियों से शिकायत की, जिस पर टिकट कलेक्टर ने उन्हें जो कमियां थी उसके बारे लिखत में दिया, लेकिन वे तकनीकी खराबी को दूर नहीं कर सके। राशि वापस करने का आश्वासन भी लिखित में दिया गया था।
राशि नहीं दी वापस तो किया केस
लुधियाना पहुंचने पर, शिकायतकर्ता ने विपक्षी दलों से रेल विभाग के नियमों के अनुसार टिकट की राशि वापस करने का अनुरोध किया, लेकिन आज तक उन्होंने शिकायतकर्ता को एक पैसा भी वापस नहीं किया, जिसके लिए शिकायतकर्ता दर-दर भटकता रहा। शिकायतकर्ता ने वकील के माध्यम से 26 फरवरी 2021 को रेलवे को एक कानूनी नोटिस दिया, लेकिन कोई प्रभाव नहीं पड़ा। इसलिए शिकायतकर्ता ने रेलवे को 50 हजार के मुआवजे और 5100 रुपए के कानूनी शुल्क के साथ प्रति वर्ष 24% की दर से ब्याज के साथ 14,625 रुपए की राशि वापस करने की मांग की थी।
लखनऊ तक कर चुका था यात्रा
शिकायतकर्ता ने 14,625 रुपए के खरीदे गए टिकटों की पूरी राशि की वापसी का दावा किया, लेकिन आयोग ने फैसला लिया कि शिकायतकर्ता ने लखनऊ तक की यात्रा की थी। ऐसे में कोर्ट ने रेलवे के 10 हजार रुपए राशि वापस करने आदेश दिए हैं।