नई दिल्ली (ब्यूरो): यहां एक जीबी रोड है जोकि देह व्यापार के लिए बहुत मशहूर है। यह अजमेरी गेट से लाहौरी गेट तक एक किलोमीटर से अधिक दूरी तक फैला है। इसका पूरा नाम गास्र्टिन बैस्टियन (जीबी) रोड है। इसकी गिनती भारत के सबसे बड़े रेड लाइट एरिया में होती है।
एक मीडियाकर्मी ने रिपोर्ट प्रकाशित करने के लिए यहां दौरा किया तो उसने अपने वृतांत में लिखा, वो एक भीड़भाड़ वाला इलाका था जहां नजर दौड़ाने पर एक छोटा सा पुलिस थाना और कुछ दुकानें दिखीं। पूछताछ करने पर एक शख्स ने गली की तरफ इशारा किया जहां एक हट्टी-कट्टी औरत कमर पर हाथ रखे खड़ी थीं। मैं जितना ज्यादा मुस्कुरा सकती थी था उतना मुस्कुराकर उनसे मिली और ऐसे बर्ताव किया जैसे उन्हें पहले से जानती हूं। थोड़ी बातचीत के बाद वो मुझे बाकी औरतों से मिलाने को राजी हो गईं। इस तरह मेरी मुलाकात उस दुबली-पतली औरत से हुई जिनका जिक्र मैंने किया है। कर्नाटक की इस महिला का कहना था कि उन्होंने प्यार-व्यार की बातों को रद्दी के टोकरे में डाल दिया है। उन्होंने अपने चेहरे की तरफ इशारा किया और बोलीं, “जब तक है बोटी, मिलती रहेगी रोटी।
हमारे पास सब एकाध घंटे के लिए रुकते हैं, एंजॉय करने के लिए बस, किस्सा खत्म। आम तौर पर ऐसा लगता था कि कोठे पर चारों तरफ़ नींद पसरी है। अस्त-व्यस्त कमरों में लोग जहां तहां सोए दिखते थे. ऐसा लगा था कि नींद में सोया एक प्लेटफॉर्म है। यहां कमरे इस तरह से सजे होते हैं कि कि फि़ल्मों में कोठे सजने वाली लाइनें याद आने लगीं। चारों तरफ़ गेंदे के फूल लटक रहते हैं। रंगीन प्लास्टिक दीवारों पर लिबास की तरह लिपटे थे, अपने अंधेरों के लिए कोठे जाने जाते हैं, लेकिन दिवाली की रात यहां का अंधेरा पूरी तरह ग़ायब होता है।