नई दिल्ली (ब्यूरो)- बैटरी के बिना आधुनिक जीवन की कल्पना संभव नहीं है। रोजमर्रा के काम में तरह तरह की बैटरियों का इस्तेमाल किया जाता है। बैटरी से जुड़े इतिहास की बात करें तो इटली के महान वैज्ञानिक अलेसांद्रो वोल्टा ने सन 1800 में 20 मार्च के दिन ही विश्व समुदाय को बैटरी के विकास से जुड़ी इस खोज के बारे में पहली बार बताया। वोल्टा ने तांबे और जिंक की छड़ों को कांच के दो मर्तबानों में रखकर उन्हें नमक के पानी से भीगे एक तार से जोड़कर साबित किया कि इस भौतिक तरीके से बिजली बन सकती है।
आज के दौर में लोगों की जिंदगी मोबाइल, गाड़ी या या घर में रखे इनवर्टर जैसी चीजों के बिना नहीं चल सकती और ये चीजें बैटरी के बिना नहीं चल सकतीं, इसलिए इतिहास में 20 मार्च का दिन इंसानी जिंदगी के लिए बेहद जरूरी बन चुकी इस चीज से जुड़ी जरूरी खोज की वजह से महत्वपूर्ण है।
बैटरी का इतिहास विद्युतरासायनिक सेलों के विकास का इतिहास है। बैटरियों के विकास से ही विद्युत का औद्योगिक उपयोग आरभ हुआ। उन्नीसवीं शताब्दी के अन्तिम दिनों तक बैटरियाँ ही विद्युत ऊर्जा के मुख्य स्रोत थीं क्योंकि तब तक विद्युत जनित्र का आविष्कार नहीं हुआ था।
बैटरी की प्रौद्योगिकी में लगातार विकास हुआ जिनके बिना टेलीग्राफ, टेलीफोन, पोर्टेबल कम्प्यूटर, मोबाइल फोन, विद्युत कारों आदि का विकास नहीं हो सकता था।
सन् 1749 बेंजामिन फ्रैंकलिन ने ‘बैटरी’ शब्द का इस्तेमाल किया था। विद्युत-सम्बन्धी प्रयोगों के लिये वे जिन ‘लिंक्ड कैपेसिटर्स’ का प्रयोग करते थे, उनको उन्होने ‘बैटरी’ की संज्ञा दी। बैटरी की खोज अलेक्जेंडर वोल्टा ने की थी।
क्या होती है इलेक्ट्रिक बैटरी
इलेक्ट्रिक बैटरी एक ऐसी डिवाइस होती है जो दो या दो से अधिक इलेक्ट्रो केमिकल सेल से मिलाकर बनी हो. … इसके अलावा आपके स्मार्टफोन में, कोई भी इलेक्ट्रिक कार, मोटरसाइकिल इत्यादि में बैटरी का इस्तेमाल किया जाता है। जब बैटरी पावर सप्लाई देती है तो इसका पॉजिटिव टर्मिनल क्या थोड़ा होता है और नेगेटिव टर्मिनल एनोड होता है।
बैटरी का उपयोग
बढ़ती टेक्नोलॉजी की जरुरियात के मुताबिक बैटरी का उपयोग लगभग हर क्षेत्र में हो रहा है। जैसे कि मोबाइल फ़ोन और पॉवरबैंक। घड़ियाल,कैमरा और खिलाैनों में। बस,कार,मोटर साइकिल के स्टार्टर में सप्लाई के लिए उपयोग होता है।
जनरेटर को स्टार्ट करने के लिए और बैटरी ऑपरेटेड फोर्कलिफ्ट में उपयोग होता है। घरोमे पावर बैकअप के तोर पे इन्वेर्टर में इस्तेमाल होती है।
बैटरी का सबसे ज्यादा इस्तेमाल होता है इंडस्ट्रीज में,कंपनी में। कोई भी फैक्टरी में ऐसे उपकरण होते है,जो पावर फ़ैल होने के बाद तुरंत बैकअप चाहिए।
पर्सोनल कंप्यूटर (PC) पावर फ़ैल होने के बाद इसे बैटरी बैकअप से पावर नहीं मिलता तो डाटा चला जाने की संभावना होती है। इस प्रकार की आवश्यकता को बैटरी ही पूर्ण कर सकती है।
सब स्टेशन में ब्रेकर के कण्ट्रोल सप्लाई के लिए बैटरी बैंक और चार्जर का उपयोग होता है।
बैटरी के सेल अलग-अलग साइज में मिलते है। ये उपकरण की जरुरियात पे आधार रखता है। घडियार में इस्तेमाल होने वाला सेल की साइज़ बहुत छोटी होती है। वही टोर्च,रिमोट एवं खिलोनो में उपयोग होने वाले सेल की साइज़ अलग होती है।
किसी भी सेल के दो छेड़े होते है। एक तरफ पॉजिटिव टर्मिनल होता है, जहा पॉजिटिव चार्ज रहता है। और दूसरी तरफ नेगेटिव टर्मिनल होता है,जहा नेगेटिव चार्ज होता है।
रासायनिक भाषा में पॉजिटिव टर्मिनल को एनोड और नेगेटिव टर्मिनल को केथोड कहा जाता है।
हर एक सेल में वोल्टेज की वैल्यू 1.5 से 2 वाल्ट होती है। सेल से बैटरी में कन्वर्ट करने के लिए सेल को सीरीज़ में कनेक्ट किया जाता है।
ज्यादातर बैटरी 12 वाल्ट की
ज्यादातर बैटरी 12 वाल्ट की और 24 वाल्ट की रहती है। 12 वाल्ट की बैटरी में 6 सेल कनेक्ट रहते है और 24 वाल्ट की बैटरी में 12 सेल कनेक्ट होते है।