वॉशिंगटन (ब्यूरो) : अमेरिका की मॉडल और एक्ट्रेस शांटेल ग्याकेलोन का पीनट बटर बिस्किट खाने के बाद ब्रेन डैमेज हो गया था। अब लास वेगास की अदालत ने उनके मेडिकल खर्चे और मानसिक-भावनात्मक परेशानियों को ध्यान में रखते हुए उनके परिवार को 29.5 मिलियन डॉलर्स यानी लगभग 222 करोड़ रुपये देने का आदेश दिया है। अभिनेत्री शांटेल को पीनट बटर से एलर्जी थी लेकिन उन्हें नहीं पता था कि इस बिस्किट में पीनट बटर मौजूद है,जबकि उनकी दोस्त तारा को भी नहीं पता था कि शांटेल को पीनट बटर से एलर्जी है। अभिनेत्री शांटेल इसे खाने के बाद ही एनाफायलेक्टिक शॉक में चली गई थीं।
आपको बता दें कि एनाफायलेक्टिक शॉक उस वक्त होता है, जब किसी इंसान को एलर्जी का रिएक्शन हो जाता है। इस शाक के बाद अगर इसका इलाज ना किया जाए तो ये जानलेवा भी हो सकता है। ये आमतौर पर फूड एलर्जी और कीड़े-मकोड़ों के काटने से होता है।
जब किसी भी इंसान को इस तरीके का शॉक लगता है तो उसे epinephrine नाम का ड्रग दिया जाता है। आपको बता दें कि शॉक लगने के बाद इस ड्रग को तत्काल न दिया जाए तो हालात बेहद गंभीर हो सकती हैं। शांटेल के वकील ने भी कहा कि जब वे अस्पताल गए तो उन्हें ये ड्रग नहीं दिया गया था जिससे शांटेल के हालात और भी ज्यादा खराब हो गए थे।
जब अभिनेत्री शांटेल को शॉक लगा था, तो उस वक्त उनकी उम्र 27 साल थी। तत्काल उन्हे अस्पताल ले जाया गया था। लेकिन अस्पताल में उनकी हालत ज्यादा खराब हो गई। शांटेल के वकील क्रिस मॉरिस का कहना था कि मेडिकवेस्ट नाम के अस्पताल की ट्रीटमेंट के बाद शांटेल का दिमाग कुछ मिनटों के लिए बंद हो गया था।
साल 2013 में शांटेल लास वेगास में मैजिक फैशन ट्रेड शो में मॉडलिंग कर रही थीं। इस दौरान उनकी दोस्त तारा ने उन्हें दही के जैसा टेस्ट करने वाला योगर्ट और प्रेट्जेल दिया था। प्रेट्जेल एक प्रकार का बिस्किट होता है और इस बिस्किट में पीनट बटर भी था। शांटेल को पीनट बटर से एलर्जी थी, लेकिन उन्हें नहीं पता था कि इस बिस्किट में पीनट बटर मौजूद है और वही उनकी दोस्त तारा को नहीं पता था कि शांटेल को पीनट बटर से एलर्जी है। शांटेल इसे खाने के बाद ही एनाफायलेक्टिक शॉक में चली गई थीं।
एनाफायलेक्टिक शॉक की स्थिति तब उत्पन्न होती है जब किसी इंसान को एलर्जी का रिएक्शन हो जाता है। ये काफी दुर्लभ होता है लेकिन अगर इसका इलाज ना किया जाए तो ये जानलेवा भी हो सकता है। ये आमतौर पर फूड एलर्जी और कीड़े-मकोड़ों के काटने से होता है।