Punjab media news : भारत में क्राइम की कमी नहीं है. चोरी से लेकर मर्डर तक के मामले देश में आए दिन होते रहते हैं. कोर्ट में तो कई केस सालों तक पेंडिंग ही रहते हैं. सुनवाई को लेकर सिर्फ तारीखें मिलती हैं. लेकिन लगता है कि देश में इंसान से ज्यादा चूहों को इन्साफ दिलवाने की जल्दी है. तभी तो पिछले साल हुए चूहे की हत्या, जी हां, सही पढ़ा आपने. चूहे की हत्या के मामले में अब फैसला भी आ सकता है. ये मर्डर केस कोर्ट जा पहुंचा है और अब आरोपी को इसमें सजा भी हो सकती है.
आपको लग रहा होगा कि हम मजाक कर रहे हैं. लेकिन ये मामला बिलकुल सही है. चूहे की हत्या का ये केस उत्तर प्रदेश के बदायूं का है. यहां चल रहे एक चूहे के मर्डर केस में पुलिस ने तीस पन्नों का चार्जशीट दाखिल किया है. इस चार्जशीट में चूहे का पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट भी शामिल किया गया है. अब इसी चार्जशीट के आधार पर कोर्ट इस मामले का फैसला सुनाएगी. बता दें कि इस चूहे की मौत पिछले साल 25 नवंबर को हुई थी. एक पनवाड़ी ने चूहे को नाले में डुबोकर मार डाला था. पशु प्रेमी ने इसे देख लिया और पुलिस में केस दर्ज करवा दिया.
ये था पूरा मामला
अब आपको मामला डिटेल में बताते हैं. दरअसल, पिछले साल एक पनवाड़ी, जिसका नाम मनोज है, ने एक चूहा पकड़ा. इसके बाद चूहे को नाले में डुबो दिया. चूहे के पेट से पत्थर बांध दिया गया था. उसी समय पशु प्रेमी विक्रेन्द्र शर्मा उधर से गुजरा. उसने चूहे को बचाने की कोशिश की लेकिन चूहे की मौत हो चुकी थी. चूहे को इतनी दर्दनाक मौत देते देख विक्रेन्द्र को गुस्सा आया और उसने मनोज के खिलाफ केस दर्ज करवा दिया. एफआईआर के बाद चूहे का पोस्टमॉर्टम हुआ और यही रिपोर्ट अब चार्जशीट के साथ अटैच की गई है.
हो सकती है पांच साल की सजा
चूहे के पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट से पता चला कि उसकी मौत दम घुटने की वजह से हुई है नाकि नाले में डुबाने के कारण. साथ ही उसके लिवर और फेफड़े पहले से खराब थे. इस वजह से मनोज की अजा की उम्मीद कम है. केस को लेकर वन विभाग का कहना है कि चूहे को मारना अपराध नहीं है एल्कीन पशु क्रूरता के तहत ये मामला आरोपी को सजा दिलवा सकता है. अगर मनोज पर आरोप सिद्ध हुए तो उसे 10 से 2 हजार रुपए तक का जुर्माना भरना पड़ सकता है. इसके अलावा उसे दो से पांच साल जेल की सजा भी हो सकती है. अब देखना है कि इस केस में जीत किसकी होती है? पनवाड़ी की या पशु प्रेमी की.